जीरो की समीक्षा करना बड़ा ही कठिन या कहें तो दुर्गम काम ही है! मैं एक शाहरुख़ खान की प्रशंसक हूँ और मुझे बहुत उम्मीद थी की फिल्म में कुछ न कुछ ऐसा होगा ही जो जीरो को और फिल्मों से अलग और मनोरंजक बनायेगी। सच कहूं तो ऐसा ही कुछ देखने को मिला – और वो है नीरसता जो इस फिल्म में शुरू से अंत तक कूट-कूट के भरी है! मुख्य किरदार बौना है और मुख्या अदाकारा कौन है ये पता ही नहीं चलता। आप फिल्म को देखते रह जायेंगे पर क्यों देखा और कैसे देखा ये आप ही तय कर सकते हैं, अन्तोगत्वा!
बउआ सिंह के रूप में शाहरुख़ खान को देखना शुरू-शुरू में तो बहुत ही अच्छा अनुभव होता है पर यही अनुभव बाद में जाके एक मजाक में बदल जाता है। उनकी अभिनय कला में शायद उतनी कमी नहीं दिखती है जितनी कमी उनकी चुनी हुई फिल्म के कहानी और पटकथा में है। अनुष्का शर्मा ने तो शायद कुछ कहा ही नहीं और पुरानी हिंदी फिल्मों की तरह ही प्यार में धोखा खाके वो भी कुछ ऐसा प्राप्त कर लेती है जो शायद हमारे और आपके लिए बहुत मुश्किल होगा! यही चीजें हैं जो फिल्म को आम दर्शकों से दूर करती हैं – अगर आपने टॉयलेट-एक प्रेम कथा देखी होगी तो आपको बहुत बेहतर पता होगा की आम दर्शकों के सामानांतर फ़िल्में कैसे बनायीं जाती हैं।
इस फिल्म, जीरो, का बेड़ागर्ग अगर कोई चीज सबसे अधिक करती है तो वो है कहानी की धीमी गति और बहुत अधिक लम्बा होना। आज के ज़माने में शायद ही कोई दर्शक ऐसा होगा जो ३ घंटे तक सिनेमा हॉल में किसी फिल्म को देखने बैठा रहे और फिल्म में कोई जान न हो! हाँ, अगर फिल्म बाहुबली जैसी हुई फिर तो दर्शक चाहेंगे ही नहीं की कभी ख़त्म हो!
और रही बात मार्स पे पहुँचने की तो डायरेक्टर और प्रोडूसर साहेब, पहले धरती के लोगों की भावनाओं को तो अपने मूवी के साथ जोड़ लीजिये – फिर मार्स तो क्या, शायद आपकी फिल्म प्लूटो पे भी बड़े ही सहजता से पहुँच जाये।
एक दर्शक के तौर पे जीरो ने बहुत निराश किया मुझे! और शायद ज्यादा निराशा इसीलिए हुई की शाहरुख़ खान जैसे संजीदा कलाकार ने कैसे इस घटिया कहानी का चयन किया! और बाकी तो आप दर्शक ही तय करेंगे की आपको फिल्म कैसी लगी! व्यक्तिगत रूप से मैं किसी दर्शक को इस फिल्म को देखने की सलाह नहीं दूंगा। और मैं देता हूँ इस फिल्म को १.५/स्टार!
review by Pallavi for Hindi Samiksha
Zero Movie Review
Summary
Zero is a movie that you can skip very conveniently! Better watch some indie movie and rejoice! आप चाहें तो इस फिल्म को आसानी से भुला सकते हैं! देखें ही नहीं! आल द बेस्ट!
2 Comments. Leave new
Actually mene v movie ni dekhi mjhe phle se hi lg RHA tha ye bkwas hogi
Bahut hi achha review likha hai Pallavi! Jo milna tha is movie ko wo diya hai apne! Maine nahin dekhi movie aur khud ko lucky samajhta hun ki bas SRK ki brand pe nahin gaya hall tak! Thanks to save many lives! 🙂