Animal फिल्म रिव्यु मूवी रणवीर कपूर हिंदी समीक्षा
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एनिमल – फिल्म समीक्षा, Hindi Review of Animal Movie

सबसे पहले, फिल्म एनिमल की कहानी  संक्षिप्त में जान लेते हैं:

फिल्म ‘एनिमल’ की कहानी एक सामाजिक दृष्टिकोण से विशेष और रोमांटिक तरीके से प्रस्तुत करती है। इस कहानी का केंद्रीय पात्र, विजय, जो अपने पिता बलबीर सिंह के साथ एक अजीब संबंध को दर्शाता है। विजय ने अपने पिता को आदर्श मानते हुए उनसे प्रेम और समय की अधिक मांगते हैं, जो उन्हें कई संघर्षों में डाल देता है।

विजय का इरादा है कि वह अपने पिता को प्रभावित करें और उनसे मिलने के लिए उनकी मंजिलों की ओर बढ़ें। हालांकि, उनकी अत्यधिक हिंसक वृत्तियाँ उन्हें दूर ले जाती हैं, और इसके परिणामस्वरूप वह एक खतरनाक रास्ते पर चला जाता है। उनकी प्रेम कहानी में, विजय का मिलन गीतांजलि से होता है, जो एक सकारात्मक परिवर्तन का कवच बनती है।

फिल्म में उभरती हुई बड़ी संघर्ष भरी कहानी, परिवार और प्रेम की मिश्रित तारीके से प्रस्तुत करती है और दर्शकों को सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे एक व्यक्ति अपने आदर्शों की पुनरावृत्ति के लिए कितना तैयार है। कहानी में उभरते रिश्तों, उत्साहवादी दृष्टिकोण, और हृदयस्पर्शी क्षणों के साथ, ‘एनिमल’ ने एक दिलचस्प और गहरे अर्थों वाली कहानी का संवाद प्रस्तुत किया है।

एनिमल का रिव्यु: 

संदीप रेड्डी वांगा ने फिल्म “एनिमल” का निर्देशन करते हुए वीभत्स, भयानक, और रौद्र रस को महत्वपूर्ण भूमिका में रखा है। यह तीन रस फिल्म की शुरुआत से ही एक विशिष्ट और प्रभावशाली माहौल बनाते हैं जो कहानी का टोन सेट करते हैं। हालांकि, कहानी आगे बढ़ने पर भावनात्मक लेयरों तक पहुँचती है, जिससे दर्शकों को एक विशेष सामाजिक और मानवीय संदेश मिलता है।

रणबीर कपूर के किरदार ने इस फिल्म को और भी रूचिकर बनाया है। उनके किरदार को समीक्षक न जाने क्या क्या कहेंगे – जिसने मर्दवाद, महिला विरोध, और अपनी नायिका के प्रति वर्चस्व का आंतरव्यापी एवं विरोधात्मक स्वरूप दिखाया है। हालाँकि जब आप फिल्म के साथ जुड़ते हैं तो आप पाएंगे की रणवीर कपूर अपने किरदार में सहज और नैर्सैगिक लगे हैं! इसके बावजूद, कई लोगों को इस चरित्र की स्वाभाविकता समझने में कठिनाई हो सकती है, लेकिन यह चरित्र जुगुप्सा उत्पन्न करता है और दर्शकों को आत्म-विचार करने पर मजबूर करता है।

फिल्म का पहला हाफ उच्च गति और वायलेंट सीन्स के साथ भरा हुआ है, जो दर्शकों को अपने साथ ले जाता है। हालांकि, सेकंड हाफ में कहानी थोड़ी लड़खड़ाती है, लेकिन प्री-क्लाइमेक्स और क्लाइमेक्स में एक बेहद गहन संदेश है जो दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देता है।

संदीप रेड्डी वांगा का दिशानिर्देशन चरित्रों को जीवंत बनाने में शानदार है, जिससे वे दर्शकों के साथ जुड़ते हैं। फिल्म ने सिनेमाटिक अनुभव में नए कदम बढ़ाया है और साहित्यिक दृष्टिकोण से दर्शकों को मनोबलवर्धन का एक अद्वितीय अनुभव प्रदान किया है।

“एनिमल” एक ऐसी फिल्म है जो हीरो मशीनगन के साथ दनदनाता होने का दृश्य दर्शाती है, परंतु इसे पकड़ने का कोई भी नहीं है। निर्देशक वांगा फिल्म के एडिटिंग भी संभालते हैं, उन्होंने फिल्म की लंबाई को कम करके उसे क्रिस्प बनाया है। एक्शन दृश्यों में अमित रॉय की सिनेमैटोग्राफी धाराप्रवाह है, और हर्षवर्धन रामेश्वर के बैकग्राउंड म्यूजिक भी फिल्म की भयावहता को और भी मजबूती प्रदान करता है।

फिल्म की संगीत सीधे दिल को छूने वाला है, विशेषकर ‘सतरंगा’, ‘पापा मेरी जान’, ‘सारी दुनिया जला देंगे’ जैसे गाने सिचुएशन के मुताबिक बने हैं।

रणबीर कपूर की अद्वितीय प्रदर्शन शैली ने इस फिल्म को एक नए स्तर पर ले जाया है। उनका चरित्र, जो हिंसक और विक्षिप्त है, को वे हर दृष्टि से परतदार बनाते हैं। उनका अभिनय मार-काट के दृश्यों में वहशत और रोमांटिक दृश्यों में इरॉटिक अंदाज में दर्शकों को प्रभावित करता है।

फिल्म में रश्मिका का अभिनय भी धाराप्रवाह है, और उन्होंने अपने आक्रामक तेवरों से उपस्थिति बनाए रखी है। बॉबी का किरदार बड़े खूंखार और रहस्यमय है, और उन्होंने इसे बड़ी हुनर से निभाया है।

फिल्म में अनिल कपूर, सुरेश ओबेरॉय, प्रेम चोपड़ा, उपेंद्र लिमये, रणविजय की मां बनीं चारू शंकर, बलबीर के दामाद बने सिद्धार्थ कार्णिक, आबिद हक, सौरभ सचदेवा, सलोनी बत्रा, अंशुल चौहान ने भी अच्छी भूमिकाओं में नजर आए हैं।

और अंत में:

संदीप रेड्डी वांगा ने अपनी नई फिल्म “एनिमल” के माध्यम से एक अत्यंत विशेष और चुनौतीपूर्ण कहानी प्रस्तुत की है, जो साहित्यिक एवं भौतिक रूप से दर्शकों को प्रभावित करने का उद्देश्य रखती है। फिल्म के किरदारों की गहराईयों और यहां तक कि पूरे नाटक के बाकी परिप्रेक्ष्य में भी कई रूपांतरण और समाजशास्त्रीय संदेश मिलते हैं।

संदीप रेड्डी वांगा ने फिल्म को एक उदाहरणीय रूप से निर्देशित किया है, उसने भारतीय सिनेमा को एक नई दिशा में ले जाने का प्रयास किया है। फिल्म का कहानी संवेदनशीलता, रौद्रता, और विचारशीलता के साथ बढ़ती है, जिससे दर्शकों को अपने सोचने के तरीके को पुनरावृत्ति करने का अवसर मिलता है।

रणबीर कपूर ने अपने किरदार को उत्कृष्टता से निभाया है, और उन्होंने अपने अभिनय कौशल से दर्शकों को गहरे संवेदनशीलता में ले जाता है। उनका प्रदर्शन चरित्र की मनोबल को सही रूप से प्रदर्शित करता है, जिससे दर्शक उसके साथ जुड़ते हैं और कहानी की गहराईयों में खो जाते हैं।

फिल्म का संगीत, चित्रग्रहण, और संदीप रेड्डी वांगा की दिशानिर्देशन में कलात्मक प्रदर्शन का समर्थन करता है। संदीप ने चरित्रों को जीवंत करने के लिए सुपरब निर्देशन किया है, जिससे वे दर्शकों के दिलों में समा जाते हैं।

फिल्म “एनिमल” ने एक नए सिनेमाटिक अनुभव की ओर एक कदम और बढ़ाया है, और संदीप रेड्डी वांगा ने एक बड़े पैम्बर और साहित्यिक दृष्टिकोण से दर्शकों को मनोबलवर्धन का एक अद्वितीय अनुभव प्रदान किया है।

सौरभ द्वारा, हिंदी समीक्षा के लिए
सम्बंधित विषय: #फिल्म, #समीक्षा

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