लेख का समूह: कविता

अटल बिहारी वाजपेयी – युगद्रष्टा राष्ट्रभक्त एवं हिन्दू-ह्रदय सम्राट कवि: एक लेख

अटल बिहारी वाजपेयी जी भारतीय राजनीतिक संस्कृति में एक श्रेष्ठ कवि थे और उन्हें राष्ट्र प्रेम और हिंदुत्व की भावना से विशेष प्रेम था, यह तथ्य किसी से छिपा नहीं है । उनकी कविताएं विभिन्न साहित्यिक रूपों में उनके साहित्यिक कौशल और भावनाओं के संगम के लिए प्रसिद्ध हैं। उनकी पंक्तियाँ भाषा, रस, छंद और विचार को जीवंत करती हैं और उनके रचनाएँ भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीय एकता, धर्म और संस्कृति को अद्भुत ढंग से प्रदर्शित करती हैं। अटल बिहारी वाजपेयी, आधुनिक मंच कवि कुमार विश्वास के शब्दों में – आधुनिक हिंदी कवि कुल के पितामह, निश्चय ही आधुनिक कल के हिंदी कवियों में वीर रस के सबसे ओजस्वी कवि हैं! वर्ष २०१८ में स्वर्गवासी होने के बाद भी अटल जी की कविताओं के प्रति पाठकों में उत्साह तनिक भी कम नहीं हुआ है। इस लेख में हम इस विषय पर विमर्श करेंगे की कैसे अटल जी के काव्य में राष्ट्र-भक्ति और हिंदुत्व आधारशिला बनकर सदैव ही उपस्थित रहते हैं।

अटल जी के बारे में अंग्रेजी भाषा में यहाँ पढ़ें: Atal Bihari Vajpayee

जैसे ही आप ३-४ कविताओं का पाठ करते हैं, आप स्वाभाविक ही इस बात का अनुमान लगा लेंगे की अटल बिहारी वाजपेयी जी के कविताओं में राष्ट्र प्रेम की भावना अग्रणी थी। किसी अन्य साहित्यिक विभूति की तरह ही वो भी राष्ट्र की पराधीनता के वर्षों में लिखते थे और ये सार्भौम है की कोई कवि पराधीन राष्ट्र में शायद ही उच्च कोटि की रचनाएँ कर पाए जो राष्ट्र-भक्ति से ओत-प्रोत न हो! उनकी कविताएं राष्ट्रीय भावनाओं, स्वतंत्रता संग्राम के वीरों और भारतीय संस्कृति के गौरव के प्रति समर्पित थीं। उनकी पंक्तियाँ भारतीय भूमि के सौंदर्य, इतिहास, और उसके लोगों के जीवन के मूल्यों को बखूबी व्यक्त करती थीं। यह भी ध्यान देने योग्य तथ्य है अटल जी की कविताओं में भारत देश के बंटवारे को लेकर रोष भी स्पष्ट दिखता है। अपनी कविता पंद्रह अगस्त की पुकार में अटल जी लिखते हैं:

बस इसीलिए तो कहता हूँ
आज़ादी अभी अधूरी है।
कैसे उल्लास मनाऊँ मैं?
थोड़े दिन की मजबूरी है॥

दिन दूर नहीं खंडित भारत को
पुन: अखंड बनाएँगे।
गिलगित से गारो पर्वत तक
आज़ादी पर्व मनाएँगे॥

उनकी कविताओं में हिंदुत्व की भावना भी व्यक्त होती थी। उनके कविताओं में हिंदू धर्म, धार्मिक तत्वों, और धार्मिक अनुष्ठान के महत्व की प्रशंसा की गई थी। उन्होंने हिंदू धर्म के अद्भुत विशेषताओं को सुन्दर शब्दों में पाठकों के सम्मुख प्रस्तुत किया, जो पाठकों के मन को स्पर्श करते थे। उनके कविताओं में धर्म के सिद्धांतों के प्रति गहरा समर्थन और उनके महत्व का संदेश होता है। प्रसिद्ध कविता हिन्दू तन-मन हिन्दू जीवन में अटल जी ने हिन्दू धर्म की महत्ता का अद्वितीय वर्णन किया है जो पाठकों और भारतीयों के हृदयों में सदैव स्मृति के रूप में प्रदीप्त रहेगा! अटल जी लिखते हैं:

मै अखिल विश्व का गुरु महान्, देता विद्या का अमरदान।
मैने दिखलाया मुक्तिमार्ग, मैने सिखलाया ब्रह्मज्ञान।
मेरे वेदों का ज्ञान अमर, मेरे वेदों की ज्योति प्रखर।
मानव के मन का अंधकार, क्या कभी सामने सका ठहर?
मेरा स्वर्णभ मे घहर–घहर, सागर के जल मे छहर–छहर।
इस कोने से उस कोने तक, कर सकता जगती सोराभ्मय।
हिन्दू तन–मन, हिन्दू जीवन, रग–रग हिन्दू मेरा परिचय!

उनके कविताओं में राष्ट्रीय एकता और संघर्ष की भावना का सजीव वर्णन भी था। उन्होंने राष्ट्रीय एकता के महत्व को समझाने और लोगों को एक-दूसरे के साथ सद्भावपूर्वक रहने के लिए प्रेरित किया। उनके कविताओं में भारतीय संस्कृति के समृद्धि और भारतीय लोगों के अद्भुत समर्थन की चर्चा भी मिलती है।

अटल बिहारी वाजपेयी जी की कविताएं साधारण जनता के दिलों में स्पष्टता से समझी जाती थीं। उनकी कविताओं के माध्यम से उन्होंने राष्ट्रीय संघर्षों के जीवनशैली को दर्शाया और राष्ट्रीय भावना को सजीव रखने का संदेश दिया। उनकी कविताओं के सार्थक शब्द और विशाल विचार आज भी लोगों को प्रेरित करते हैं और उनके भावुक रचनाकारी स्वर साहित्य के अद्भुत समृद्धि का प्रतीक हैं। अटल बिहारी वाजपेयी जी के यह शब्द भारतीय राष्ट्रीयता और संस्कृति की प्रतिष्ठा को संजोते हैं और उन्हें राष्ट्रीय एकता और समरसता के प्रति प्रेरित करते हैं। उनकी कविताएं हमें अपने देश के प्रति वफादारी और प्रेम को बढ़ावा देती हैं। उन्होंने भारतीय संस्कृति को उच्चतम मानक रूप में प्रस्तुत किया और उनके शब्द भारतीय संस्कृति के सार्थकता और वैशिष्ट्य को प्रतिध्वनित करते हैं। उनकी कविताओं के सुंदर अनुभव और वीर रस ने उन्हें भारतीय साहित्य के सरदार के रूप में मान्यता दिलाई। अटल बिहारी वाजपेयी जी के अद्भुत शब्द रचनाकारी स्वर ने उन्हें देश के भक्ति और सेवा के संदेश को समर्पित किया। उनकी कविताएं आज भी हमें राष्ट्रीय एकता, संघर्ष के महत्व, और भारतीय संस्कृति के समृद्धि की प्रेरणा प्रदान करती हैं।

 

इस प्रकार, अटल बिहारी वाजपेयी जी एक उच्च कोटि के कवि थे जिनकी कविताओं में राष्ट्र प्रेम और हिंदुत्व की भावना कूट-कूट कर भरी थी। उनकी पंक्तियाँ भाषा, रस, छंद, और विचार को समृद्ध करती थीं और उन्होंने भारतीय संस्कृति, राष्ट्रीय एकता, और हिंदू धर्म के सामर्थ्य को अद्भुत ढंग से प्रदर्शित किया। उनकी कविताएं साधारण जनता के दिलों में स्थायी स्थान प्राप्त कर चुकी हैं और आज भी लोगों को प्रेरित करती हैं।

 

Ashish for Hindi Samiksha

 

 

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